धूप बहुत है राहत इन्दौरी

Dhoop Bahut Hai Rahat Indori

  • धूप बहुत है मौसम जल थल भेजो ना
  • सिर्फ़ सच और झूठ की मीज़ान में रक्खे रहे
  • सर पर सात आकाश ज़मीं पर सात समुंदर बिखरे हैं
  • हंसते रहते हैं मुसलसल हम-तुम
  • हौसले ज़िंदगी के देखते हैं
  • हमें दिन-रात मरना चाहिए था
  • दाव पर मैं भी, दाव पर तू भी है
  • कौन दरियाओं का हिसाब रखे
  • मेरे मरने की ख़बर है उसको
  • सर पर बोझ अँधियारों का है मौला ख़ैर
  • हमें अब इश्क़ का चाला पड़ा है
  • पुराने शहर के मंज़र निकलने लगते हैं
  • अपने दीवार-ओ-दर से पूछते हैं
  • हमने ख़ुद अपनी रहनुमाई की
  • शजर हैं अब समर आसार मेरे
  • इधर की शय उधर कर दी गई है
  • पाँव से आसमान लिपटा है
  • सफ़र में जब भी इरादे जवान मिलते हैं
  • ऊँचे-ऊँचे दरबारों से क्या लेना
  • काम सब ग़ैर-ज़रूरी हैं जो सब करते हैं
  • किसने दस्तक दी है दिल पर कौन है
  • शराब छोड़ दी तुमने कमाल है ठाकुर
  • मोहब्बतों के सफ़र पर निकल के देखूँगा
  • जितना देख आये हैं अच्छा है यही काफ़ी है
  • सब को रुस्वा बारी बारी किया करो
  • मौत की तफ़सील होनी चाहिये
  • दिये जलाये तो अंजाम क्या हुआ मेरा
  • सिर्फ़ ख़ंजर ही नहीं आँखों में पानी चाहिए
  • धर्म बूढ़े हो गए मज़हब पुराने हो गए
  • मेरी तेज़ी, मेरी रफ़्तार हो जा
  • उसे अब के वफ़ाओं से गुज़र जाने की जल्दी थी
  • तेरे वादे की तेरे प्यार की मोहताज नहीं
  • ऊँघती रहगुज़र के बारे में
  • दरबदर जो थे वह दीवारों के मालिक हो गये
  • दो गज़ टुकड़ा उजले-उजले बादल का
  • दुआओं में वह तुम्हें याद करने वाला है
  • सबब वह पूछ रहे हैं उदास होने का
  • अँधेरे चारों तरफ़ सांय-सांय करने लगे
  • अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो जान थोड़ी है
  • रात की धड़कन जब तक जारी रहती है
  • बैर दुनिया से क़बीले से लड़ाई लेते
  • तो क्या बारिश भी ज़हरीली हुई है
  • चराग़ों को उछाला जा रहा है
  • ये सर्द रातें भी बन कर अभी धुआँ उड़ जाएँ
  • खुश्क दरियाओं में हल्की सी रवानी और है
  • हर मुसाफ़िर है सहारे तेरे
  • ये हर सू जो फ़लक-मंज़र खड़े हैं
  • अब अपनी रूह के छालों का कुछ हिसाब करूँ
  • ज़िन्दगी उम्र से बड़ी तो नहीं
  • हाथ ख़ाली हैं तिरे शहर से जाते जाते
  • मुझे डुबो के बहुत शर्मसार रहती है
  • सवाल घर नहीं बुनियाद पर उठाया है
  • नाम लिक्खा था आज किस-किस का
  • जितने अपने थे, सब पराए थे
  • उँगलियाँ यूँ न सब पर उठाया करो
  • पहली शर्त जुदाई है
  • दरमियां एक ज़माना रक्खा जाए
  • मौसम की मनमानी है
  • नींदें क्या-क्या ख़्वाब दिखाकर ग़ायब हैं
  • शाम से पहले शाम कर दी है
  • पुराने दाँव पर हर दिन नए आँसू लगाता है
  • बढ़ गई है कि घट गई दुनिया
  • नदी ने धूप से क्या कह दिया रवानी में
  • शाम होती है तो पलकों पे सजाता है मुझे
  • रात बहुत तारीक नहीं है
  • मुझमें कितने राज़ हैं बतलाऊँ क्या
  • उठी निगाह तो अपने ही रू-ब-रू हम थे
  • मसअला प्यास का यूं हल हो जाए
  • वो कभी शहर से गुज़रे तो ज़रा पूछेंगे
  • नज़ारा देखिये कलियों के फूल होने का
  • अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए
  • मौसम बुलाएंगे तो सदा कैसे आएगी
  • यहाँ कब थी जहाँ ले आई दुनिया
  • ज़िंदगी की हर कहानी बे-असर हो जाएगी
  • बरछी ले कर चांद निकलने वाला है
  • तेरा मेरा नाम ख़बर में रहता था
  • इक नया मौसम नया मंज़र खुला
  • मौसमों का ख़याल रक्खा करो
  • मुआफ़िक़ जो फ़िज़ा तैयार की है
  • चराग़ों का घराना चल रहा है
  • तूफ़ां तो इस शहर में अक्सर आता है
  • ख़ाक से बढ़कर कोई दौलत नहीं होती
  • ज़मीं बालिश्त भर होगी हमारी
  • ये आईना फ़साना हो चुका है