Hashim Shah
हाशम शाह

सय्यद मुहम्मद हाशम शाह (१७३५ -१८४३), को आमतौर पर हाशम शाह के नाम के साथ ही जाना जाता है। उनका जन्म अमृतसर जिल्हे की अजनाला तहसील के मशहूर गाँव जगदेउ कलाँ में हुआ । उन्होंने पंजाबी, फ़ारसी, हिंदी और उर्दू में काव्य रचना की । पंजाबी में उनकी काव्य रचना में किस्से (सस्सी-पुन्नूं, सोहणी-महींवाल, हीर-रांझा और शीरीं-फ़रहाद), दोहड़े, सीहरफ़ियां, मुनाजातें, ड्योढें, मंजे- असरार (सीहरफ़ियां) और बारांमाह शामिल हैं । वह अपना ख़ानदानी पेशा हिकमत और बढ़ईगीरी का काम करते थे। महाराजा रणजीत सिंह और सिक्ख सरदारों की सरप्रस्ती के बाद उन्होंने बढ़ईगीरी का काम छोड़ दिया और अपनी बाकी की ज़िंदगी धार्मिक कामों और सूफ़ी कविता लिखने में लगा दी।

हाशम शाह की रचनाएँ