Makahanlal Chaturvedi
माखनलाल चतुर्वेदी

माखनलाल चतुर्वेदी (४ अप्रैल १८८९-३० जनवरी १९६८) का जन्म मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में बाबई नामक स्थान पर हुआ था। वे कवि, लेखक और पत्रकार थे। उनकी भाषा सरल और ओजपूर्ण है । प्रभा और कर्मवीर पत्रों के संपादक के रूप में उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जोरदार प्रचार किया । १९२१-२२ के असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए जेल भी गए। आपकी कविताओं में देशप्रेम के साथ साथ प्रकृति और प्रेम का भी चित्रण हुआ है। १९४३ में हिन्दी साहित्य का सबसे बड़ा 'देव पुरस्कार' माखनलालजी को 'हिम किरीटिनी' पर दिया गया था। १९५५ में साहित्य अकादमी पुरस्कार 'हिमतरंगिनी' के लिए प्रदान किया गया। १९६३ में भारत सरकार ने 'पद्मभूषण' से अलंकृत किया। उनकी काव्य कृतियाँ: हिमकिरीटिनी, हिम तरंगिणी, युग चरण, समर्पण, मरण ज्वार, माता, वेणु लो गूंजे धरा, बीजुरी काजल आँज रही, धूम्र वलय आदि और गद्यात्मक कृतियाँ: कृष्णार्जुन युद्ध, साहित्य के देवता, समय के पांव, अमीर इरादे:गरीब इरादे आदि हैं।

कविताएँ माखनलाल चतुर्वेदी

  • अटल
  • अधिकार नहीं दोगे मुझको
  • अपना आप हिसाब लगाया
  • अपनी जुबान खोलो तो
  • अमर-अमर
  • अमरते ! कहाँ से
  • अमर राष्ट्र
  • अमर विराग निहाल-गीत
  • अंजलि के फूल गिरे जाते हैं
  • अंधड़ और मानव
  • आ गये ऋतुराज
  • आज नयन के बँगले में
  • आता-सा अनुराग
  • आते-आते रह जाते हो
  • आने दो
  • आ मेरी आंखों की पुतली
  • आराधना की बेली
  • आँसू से
  • इस तरह ढक्कन लगाया रात ने
  • उच्चत्व से पतन स्वीकार था
  • उठ अब, ऐ मेरे महाप्राण
  • उठ महान
  • उधार के सपने
  • उन्मूलित वृक्ष
  • उपालम्भ
  • उलहना
  • उल्लास का क्षण
  • उड़ने दे घनश्याम गगन में
  • उस प्रभात, तू बात न माने
  • ऊषा
  • ऊषा के सँग, पहिन अरुणिमा
  • एक तुम हो
  • ओ तृण-तरु गामी
  • और संदेशा तुम्हारा बह उठा है
  • क्रन्दन
  • कल-कल स्वर में बोल उठी है
  • कलेजे से कहो
  • क्या-क्या बीत रही है
  • क्या सावन, क्या फागन
  • कितनी मौलिक जीवन की द्युति
  • किनकी ध्वनियों को दुहराऊँ
  • कुछ पतले पतले धागे
  • कुलवधू का चरखा
  • कुसुम झूले
  • कुंज कुटीरे यमुना तीरे
  • कैदी और कोकिला
  • कैदी की भावना
  • कैसे मानूँ तुम्हें प्राणधन
  • कैसी है पहिचान तुम्हारी
  • कोमलतर वन्दीखाना
  • कौन? याद की प्याली में
  • खोने को पाने आये हो
  • गति-दाता
  • गंगा की विदाई
  • गाली में गरिमा घोल-घोल-गीत
  • गिरि पर चढ़ते, धीरे-धीरे
  • गीत (१)
  • गीत (२)
  • गीत (३)
  • गीत (४)
  • गुनों की पहुँच के
  • गो-गण सँभाले नहीं जाते मतवाले नाथ
  • गोधूली है
  • घर मेरा है
  • चल पडी चुपचाप सन-सन-सन हुआ
  • चले समर्पण आगे-आगे
  • चलो छिया-छी हो अन्तर में
  • चाँदी की रात
  • चोरल
  • छबियों पर छबियाँ बना रहा बनवारी
  • छलिया
  • जब तुमने यह धर्म पठाया
  • जबलपुर जेल से छूटते समय
  • जलना भी कैसी छलना है-गीत
  • जलियाँ वाला की बेदी
  • जवानी
  • जहाँ से जो ख़ुद को
  • जागना अपराध
  • जाड़े की साँझ
  • जिस ओर देखूँ बस
  • जीवन-जीवन यह मौलिक महमानी
  • जो न बन पाई तुम्हारे
  • जोड़ी टूट गई
  • झरना
  • झंकार कर दो
  • झूला झूलै री
  • टूटती जंजीर
  • तर्पण का स्वर
  • तरुणई का ज्वार
  • तान की मरोर
  • तारों के हीरे गुमे
  • तुम न हँसो
  • तुम भी देते हो तोल तोल
  • तुम मन्द चलो
  • तुम्हारा चित्र
  • तुम्हारा मिलन
  • तुम्हारे लेखे
  • तुम्हीं क्या समदर्शी भगवान
  • तुही है बहकते हुओं का इशारा
  • तेरा पता
  • दृग-जल-जमुना
  • दृढ़व्रत
  • दाईं बाजू
  • दीप से दीप जले
  • दुर्गम हृदयारण्य दण्ड का
  • दूध की बूँदों का अवतरण
  • दूधिया चाँदनी साँवली हो गई
  • दूबों के दरबार में
  • दूर गई हरियाली
  • दूर न रह, धुन बँधने दे
  • दूर या पास
  • धमनी से मिस धड़कन की
  • धरती तुझसे बोल रही है
  • ध्वनि बिखर उठी
  • धूम्र-वलय
  • नज़रों की नज़र उतारूँगा
  • नव स्वागत
  • नन्हे मेहमान
  • न्याय तुम्हारा कैसा
  • नाद की प्यालियों, मोद की ले सुरा
  • नीलिमा के घर
  • पत्थर के फर्श, कगारों में
  • पतित
  • पथ में
  • पर्वत की अभिलाषा
  • प्यारे भारत देश
  • पास बैठे हो
  • पुतलियों में कौन
  • पुष्प की अभिलाषा
  • फूल की मनुहार
  • बदरिया थम-थमकर झर री
  • बलि-पन्थी से
  • बसंत मनमाना
  • बीजुरी काजल आँज रही-गीत
  • बेचैनी
  • बेटी की बिदा
  • बोल तो किसके लिए मैं
  • बोल नये सपने
  • बोल राजा, बोल मेरे
  • बोल राजा, स्वर अटूटे
  • बोलो कहाँ रहें
  • भाई, छेड़ो नही, मुझे
  • भूल है आराधना का
  • मचल मत, दूर-दूर, ओ मानी
  • मत गाओ
  • मत झनकार जोर से
  • मत ढूँढ़ो कलियों में अपने अपवादों को-गीत
  • मधुर-मधुर कुछ गा दो मालिक
  • मधु-संदेशे भर-भर लाती
  • मन की साख
  • मन धक-धक की माला गूँथे
  • मृदंग
  • महलों पर कुटियों को वारो
  • माधव दिवाने हाव-भाव
  • मार डालना किन्तु क्षेत्र में
  • मीर
  • मुक्ति का द्वार
  • मूरख कहानी
  • मूर्छित सौरभ
  • मूर्त्ति रहेगी भू पर
  • मैं अपने से डरती हूँ सखि
  • मैं नहीं बोला, कि वे बोला किये
  • मैंने देखा था, कलिका के
  • यमुना तट पर
  • यह अमर निशानी किसकी है?
  • यह आवाज
  • यह उत्सव है
  • यह किसका मन डोला
  • यह चरण ध्वनि धीमे-धीमे
  • यह तो करुणा की वाणी है
  • यह बरसगाँठ
  • यह बारीक खयाली देखी
  • यह लाशों का रखवाला
  • युग और तुम
  • युग-ध्वनि
  • युग-धनी
  • युग-पुरुष
  • ये अनाज की पूलें तेरे काँधें झूलें
  • ये प्रकाश ने फैलाये हैं पैर
  • ये वृक्षों में उगे परिन्दे
  • यौवन का पागलपन
  • राष्ट्रीय झंडे की भेंट
  • रोटियों की जय
  • लड्डू ले लो
  • लक्ष्य-भेद के उतावले तीर से
  • लाल टीका
  • लूँगी दर्पण छीन
  • लौटे
  • वरदान या अभिशाप
  • वर्षा ने आज विदाई ली
  • वृक्ष और वल्लरी
  • वह टूटा जी, जैसा तारा
  • वह संकट पर झूल रहा है
  • वायु
  • विदा
  • वीणा का तार
  • वे चरण
  • वेणु लो, गूँजे धरा
  • वे तुम्हारे बोल
  • सखि कौन
  • सजल गान, सजल तान
  • समय की चट्टान
  • समय के समर्थ अश्व
  • समय के साँप
  • संध्या के बस दो बोल सुहाने लगते हैं
  • सिपाही
  • सिर पर पाग, आग हाथों में
  • सेनानी
  • सेनानी से
  • सौदा
  • सुलझन की उलझन है
  • सुनकर तुम्हारी चीज हूँ
  • सूझ का साथी
  • स्मृति का वसन्त
  • स्वागत
  • हृदय
  • हरा हरा कर, हरा
  • हरियालेपन की साध
  • हाय
  • हाँ, याद तुम्हारी आती थी
  • हिमालय पर उजाला
  • हे प्रशान्त, तूफान हिये
  • हौले-हौले, धीरे-धीरे