Rahim
रहीम

खानज़ादा मिरज़ा खान अबदुल रहीम खान-ए-खाना (१७ दिसम्बर १५५६ -१६२७) को रहीम के नाम से ही अधिकतर लोग जानते हैं । वह महाराजा अकबर के दरबार के नौ रत्नों में से एक थे । भारतीय पंजाब के वां शहर जिल्हे के गाँव खानखाना का नाम उन के नाम पर ही रखा गया है । वह अकबर के सरप्रस्त बैरम खान के पुत्र थे । उन्होंने बाबर की किताब बाबरनामा का फ़ारसी में अनुवाद किया । उन्होंने खगोल विद्या पर भी किताबें लिखीं। उन्होंने हिंदी में दोहे, नगर शोभा, बर्वे नायिका-भेद, बर्वे भक्तिपरक, शृंगार-सोरठा और मदनाशटक की रचना की । उन्हों ने संस्कृत में भी श्लोक रचे।