शब्द राग जैत श्री : संत दादू दयाल जी

Shabd Raag Jait Shri : Sant Dadu Dayal Ji

शब्द राग जैत श्री संत दादू दयाल जी
(गायन समय दिन 3 से 6)

1 पंजाबी त्रिताल

तेरे नाम की बलि जाऊँ, जहाँ रहूँ जिस ठाऊँ।टेक।
तेरे बैनों की बलिहारी, तेरे नैनहुँ ऊपरि वारी।
तेरी मूरति की बलि कीती, बार-बार हौं दीती।1।
शोभित नूर तुम्हारा, सुन्दर ज्योति उजारा।
मीठा प्राण पियारा, तू है पीव हमारा।2।
तेज तुम्हारा कहिए, निर्मल काहे न लहिए।
दादू बलि-बलि तेरे, आव पिया तूं मेरे।3।

2 पंजाबी त्रिताल

मेरे जीव की जाणैं जाणराइ, तुम थैं सेवक कहा दुराइ।टेक।
जल बिन जैसे जाइ जिय तलफत, तुम बिन तैसे हम हि बिहाय।
तन-मन व्याकुल होइ विरहणी, दरश पियासी प्राण जाइ।1।
जैसे चित्ता चकोर चन्द मन, ऐसे मोहन हम हि आहि।
विरह अग्नि दहत दादू को, दर्शन परसन तना सिराइ।2।

।इति राग जैत श्री सम्पूर्ण।

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