ज़िन्दां-नामा : फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

Zindan Nama in Hindi Faiz Ahmed Faiz

  • बात बस से निकल चली है
  • बिसाते-रक़्स पे साद शर्क़ो-गरब से सरे शाम
  • गर्मी-ए-शौक़े-नज़ारा का असर तो देखो
  • गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौबहार चले
  • हम पर तुम्हारी चाह का इल्ज़ाम ही तो है
  • कब याद में तेरा साथ नहीं, कब हात में तेरा हात नहीं
  • कुछ मुहतसिबों की ख़ल्बत में, कुछ वाइज़ के घर जाती है
  • रहे ख़िज़ां में तलाशे-बहार करते रहे
  • सब क़त्ल होके तेरे मुक़ाबिल से आये हैं
  • शाख़ पर ख़ूने-गुल रवाँ है वही
  • शामे-फिराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गयी
  • शैख साहब से रस्मो-राह न की
  • सितम की रस्में बहुत थीं लेकिन, न थी तेरी अंजुमन से पहले
  • सुबह की आज जो रंगत है वो पहले तो न थी
  • तिरी उमीद, तिरा इंतज़ार जब से है
  • यूँ बहार आई है इस बार कि जैसे क़ासिद
  • ऐ हबीबे-अम्बरदस्त
  • मुलाक़ात
  • वासोख़्त-सच है, हमीं को आपके शिकवे बजा न थे
  • ऐ रौशनियों के शहर-सब्ज़ा-सब्ज़ा सूख रही है
  • हम जो तारीक राहों में मारे गए
  • दरीचा-गड़ी हैं कितनी सलीबें मिरे दरीचे में
  • दर्द आयेगा दबे पांव
  • अफ़्रीका कम बैक
  • यह फ़स्ल उमीदों की हमदम
  • बुनियाद कुछ तो हो
  • कोई आशिक़ किसी महबूबः से
  • अगस्त १९५५-शहर में चाक-गरेबाँ हुए नापैद अबके