सांध्यगीत महादेवी वर्मा

Sandhya Geet Mahadevi Verma

  • अश्रु मेरे माँगने जब
  • आज मेरे नयन के तारक हुए जलजात देखो
  • आज सुनहली वेला
  • ओ अरुण वसना
  • कीर का प्रिय आज पिंजर खोल दो
  • कोकिल गा न ऐसा राग
  • क्या जलने की रीति
  • क्या न तुमने दीप बाला?
  • क्यों मुझे प्रिय हों न बन्धन
  • क्यों वह प्रिय आता पार नहीं
  • चिर सजग आँखे उनींदी
  • जाग जाग सुकेशिनी री
  • जाने किस जीवन की सुधि ले
  • झिलमिलाती रात मेरी
  • तन्द्रिल निशीथ में ले आये
  • तब क्षण क्षण मधु-प्याले होंगे
  • तिमिर में वे पदचिह्न मिले
  • दीप तेरा दामिनी
  • देव अब वरदान कैसा
  • नव घन आज बनी पलकों में
  • प्रिय चिरन्तन है सजनि
  • प्रिय-पथ के यह मुझे अति प्यारे ही हैं
  • प्रिय मेरे गीले नयन बनेंगे आरती
  • प्रिय! सान्ध्य गगन
  • पंकज-कली
  • प्राण रमा पतझार सजनि
  • फिर विकल हैं प्राण मेरे
  • मेरा सजल मुख देख लेते
  • मेरी है पहेली बात
  • मैं किसी की मूक छाया हूँ न क्यों पहचान पाता
  • मैं नीर भरी दुख की बदली
  • मैं सजग चिर साधना ले
  • यह संध्या फूली सजीली
  • यह सुख दुखमय राग
  • रागभीनी तू सजनि
  • री कुंज की शेफालिके
  • रे पपीहे पी कहाँ
  • विरह की घड़ियाँ हुई अलि
  • शलभ मैं शापमय वर हूँ
  • शून्य मन्दिर में बनूँगी
  • सखि मैं हूँ अमर सुहाग भरी
  • सपनों की रज आँज गया
  • सो रहा है विश्व, पर प्रिय तारकों में जागता है
  • हे चिर महान्
  • हे मेरे चिर सुन्दर-अपने