Nilmani Phookan

नीलमणि फूकन

नीलमणि फूकन का जन्म 10 सितम्बर 1933 को असम के दरगांव में हुआ था ।वह असमिया भाषा में कविता की 13 पुस्तकें लिख चुके हैं। असमिया साहित्य की अन्य विधाओं पर भी उन्होंने बहुत काम किया है। असमिया साहित्य में उन्हें ऋषि तुल्य माना जाता है। असमिया साहित्य में विशेष स्थान रखने वाले नीलमणि फूकन पद्मश्री, साहित्य अकादमी पुरस्कार, असम वैली अवार्ड, ज्ञानपीठ पुरुस्कार तथा साहित्य अकादमी फैलोशिप सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके हैं। नीलमणि फूकन ने 1950 के दशक की शुरुआत से ही कविताएं लिखना शुरू कर दिया था और 1961 में गुवाहाटी विश्वविद्यालय से इतिहास में मास्टर डिग्री प्राप्त प्राप्त करने के बाद 1964 में गुवाहाटी में आर्य विद्यापीठ कॉलेज में व्याख्याता के रूप में कैरियर की शुरूआत की, जहां वे 1992 में अपनी सेवानिवृत्ति तक कार्यरत रहे। प्रगतिशील सोच वाले आधुनिक कवि नीलमणि फूकन करीब सात दशकों से कविता कर्म में सक्रिय हैं, जिन्होंने असमिया कविता को नया अंदाज प्रदान किया है। आत्मकथा और 13 कविता संग्रह के अलावा आलोचना पर भी उनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी उल्लेखनीय कृतियों में 'सूर्य हेनु नामी आहे ए नोडियेदी', 'गुलापी जमुर लग्न', 'कोबिता' इत्यादि प्रमुख रूप से शामिल हैं। उन्होंने जापान और यूरोप की कविताओं का असमिया में अनुवाद भी किया। डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें 2019 में डी.लिट् से सम्मानित किया गया था।

असमिया कविता हिन्दी में : नीलमणि फूकन; मूल असमिया से अनुवाद : पापोरी गोस्वामी

Assmiya Poetry in Hindi : Nilmani Phookan; Translator : Papori Goswami

असमिया कविता हिन्दी में : नीलमणि फूकन; मूल असमिया से अनुवाद : दिनकर कुमार

Assmiya Poetry in Hindi : Nilmani Phookan; Translator : Dinkar Kumar

असमिया कविता हिन्दी में : नीलमणि फूकन; मूल असमिया से अनुवाद : शिव किशोर तिवारी

Assmiya Poetry in Hindi : Nilmani Phookan; Translator : Shiv Kishore Tiwari