Kumar Vishwas
कुमार विश्वास

डॉ. कुमार विश्वास (10 फ़रवरी 1970- ) हिन्दी के अग्रणी कवि तथा सामाजिक-राजनैतिक कार्यकर्ता हैं। उनका जन्म पिलखुआ, (ग़ाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश) में हुआ था। उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा लाला गंगा सहाय विद्यालय, पिलखुआ से प्राप्त की। उनके पिता डॉ॰ चन्द्रपाल शर्मा, आर एस एस डिग्री कॉलेज पिलखुआ में प्रवक्ता रहे। उनकी माता श्रीमती रमा शर्मा गृहिणी हैं। उन्होंने स्नातक और फिर हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर किया, जिसमें उन्होंने स्वर्ण-पदक प्राप्त किया। उन्होंने "कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना" विषय पर पी.एच.डी. प्राप्त किया। अब महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य कर रहे हैं। इसके साथ ही डॉ. विश्वास हिन्दी कविता मंच के सबसे व्यस्ततम कवियों में से हैं। उनके काव्य संग्रह हैं: कोई दीवाना कहता है और एक पगली लड़की के बिन ।

कुमार विश्वास की प्रसिद्ध कविताएँ

  • अमावस की काली रातों में
  • आज तुम मिल गए
  • आना तुम
  • इक पगली लड़की के बिन
  • इतनी रंग बिरंगी दुनिया
  • उनकी ख़ैरो-ख़बर
  • ओ मेरे पहले प्यार
  • क्या समर्पित करूँ
  • कितने दिन बीत गए
  • किस्सा रूपारानी
  • कुछ पल बाद बिछड़ जाओगे
  • कैसे ऋतु बीतेगी
  • कोई दीवाना कहता है
  • चाँद ने कहा है
  • जाड़ों की गुनगुनी धूप तुम
  • तन मन महका
  • तुम गए
  • तुम गए क्या
  • तुमने जाने क्या पिला दिया
  • तुम बिन
  • तुम बिना मैं
  • तुम स्वयं को सजाती रहो
  • दिल तो करता है
  • देहरी पर धरा दीप
  • धीरे-धीरे चल री पवन
  • नुमाइश
  • पंछी ने खोल दिए पर
  • पल की बात थी
  • प्यार नहीं दे पाऊँगा
  • प्यार माँग लेना
  • पिता की याद
  • पीर का संदेशा आया
  • फिर बसंत आना है
  • बादड़ियो गगरिया भर दे
  • बाँसुरी चली आओ
  • बेशक जमाना पास था
  • मद्यँतिका (मेहंदी)
  • मधुयामिनी
  • मन तुम्हारा हो गया
  • मांग की सिंदूर रेखा
  • मुझको जीना होगा
  • मेरे मन के गाँव में
  • मैं उसको भूल ही जाऊंगा
  • मैं तुम्हें अधिकार दूँगा
  • मैं तुम्हें ढूंढने
  • मैं तो झोंका हूँ
  • ये गीत तुझे कैसे दे दूं
  • ये वही पुरानी राहें हैं
  • रंग दुनिया ने दिखाया है
  • राई से दिन बीत रहे हैं
  • रात भर तो जलो
  • लड़कियाँ
  • सफ़ाई मत देना
  • सब तमन्नाएँ हों पूरी
  • स्मरण गीत
  • सूरज पर प्रतिबंध अनेकों
  • हर सदा पैग़ाम
  • हार गया तन-मन पुकार कर तुम्हें
  • है नमन उनको
  • होली
  • आबशारों की याद आती है
  • उसी की तरह मुझे सारा ज़माना चाहे
  • ख़ुद को आसान कर रही हो ना
  • तुम लाख चाहे मेरी आफ़त में जान रखना
  • तुम्हें जीने में आसानी बहुत है
  • फिर मेरी याद आ रही होगी
  • बात करनी है बात कौन करे
  • ये ख़यालों की बद-हवासी है
  • रात और दिन का फ़ासला हूँ मैं
  • हम कहाँ हैं ये पता लो तुम भी
  • खुद से भी मिल न सको, इतने पास मत होना
  • रूह जिस्म का ठौर ठिकाना चलता रहता है
  • कुछ छोटे सपनों के बदले
  • हंगामा
  • तुम्हारा फ़ोन आया है
  • दुःखी मत हो
  • नेह के सन्दर्भ बौने हो गए
  • पवन ने कहा
  • अँधेरे वक्त में भी गीत गाये जायेंगे
  • प्रीतो!
  • माँ
  • मेरे सपनों के भाग में
  • मौसम के गाँव
  • ये इतने लोग कहाँ जाते हैं सुबह-सुबह
  • विदा लाडो
  • साल मुबारक
  • हो काल गति से परे चिरंतन
  • होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो
  • साथ रहो तो सबसे बेहतर