Shri Krishna Bal-Madhuri : Bhakt Surdas Ji
श्रीकृष्ण बाल-माधुरी : भक्त सूरदास जी

  • आदि सनातन, हरि अबिनासी
  • भावती लीला, अति पुनीत मुनि भाषी
  • हरि मुख देखि हो बसुदेव
  • गोकुल प्रगट भए हरि आइ
  • उठीं सखी सब मंगल गाइ
  • हौं इक नई बात सुनि आई
  • हौं सखि, नई चाह इक पाई
  • ब्रज भयौ महर कैं पूत
  • आजु नंद के द्वारैं भीर
  • बहुत नारि सुहाग-सुंदरि और घोष कुमारी
  • आजु बधायौ नंदराइ कैं
  • धनि-धनि नंद-जसोमति, धनि जग पावन रे
  • सोभा-सिंधु न अंत रही री
  • आजु हो निसान बाजै, नंद जू महर के
  • आजु हो बधायौ बाजै नंद गोप-राइ कै
  • आजु बधाई नंद कैं माई
  • आजु गृह नंद महर कैं बधाइ
  • आजु तौ बधाइ बाजै मंदिर महर के
  • कनक-रतन-मनि पालनौ
  • जसोदा हरि पालनैं झुलावै
  • पलना स्याम झुलावती जननी
  • पालनैं गोपाल झुलावैं
  • हालरौ हलरावै माता
  • कन्हैया हालरु रे
  • नैंकु गोपालहिं मोकौं दै री
  • कन्हैया हालरौ हलरोइ
  • कर पग गहि, अँगूठा मुख
  • चरन गहे अँगुठा मुख मेलत
  • जसुदा मदन गोपाल सोवावै
  • अजिर प्रभातहिं स्याम कौं, पलिका पौढ़ाए
  • हरषे नंद टेरत महरि
  • महरि मुदित उलटाइ कै मुख चूमन लागी
  • जो सुख ब्रज मैं एक घरी
  • यह सुख सुनि हरषीं ब्रजनारी
  • जननी देखि, छबि बलि जाति
  • जसुमति भाग-सुहागिनी, हरि कौं सुत जानै
  • गोद लिए हरि कौं नँदरानी
  • नंद-घरनि आनँद भरी, सुत स्याम खिलावै
  • नान्हरिया गोपाल लाल
  • जसुमति मन अभिलाष करै
  • हरि किलकत जसुदा की कनियाँ
  • सुत-मुख देखि जसोदा फूली
  • हरि किलकत जसुमति की कनियाँ
  • जननी बलि जाइ हालक हालरौ गोपाल
  • हरि कौ मुख माइ, मोहि अनुदिन अति भावै
  • लालन, वारी या मुख ऊपर
  • आजु भोर तमचुर के रोल
  • खेलत नँद-आँगन गोबिंद
  • खीझत जात माखन खात
  • (माई) बिहरत गोपाल राइ, मनिमय रचे अँगनाइ
  • बाल बिनोद खरो जिय भावत
  • मैं बलि स्याम, मनोहर नैन
  • किलकत कान्ह घुटुरुवनि आवत
  • नंद-धाम खेलत हरि डोलत
  • धनि जसुमति बड़भागिनी, लिए कान्ह खिलावै
  • हरिकौ बिमल जस गावति गोपंगना
  • चलन चहत पाइनि गोपाल
  • सिखवति चलन जसोदा मैया
  • भावत हरि कौ बाल-बिनोद
  • सूच्छम चरन चलावत बल करि
  • बाल-बिनोद आँगन की डोलनि
  • गहे अँगुरियाँ ललन की, नँद चलन सिखावत
  • कान्ह चलत पग द्वै-द्वै धरनी
  • चलत स्यामघन राजत, बाजति पैंजनि
  • भीतर तैं बाहर लौं आवत
  • चलत देखि जसुमति सुख पावै
  • सो बल कहा भयौ भगवान
  • देखो अद्भुत अबिगत की गति
  • साँवरे बलि-बलि बाल-गोबिंद
  • आनँद-प्रेम उमंगि जसोदा
  • हरि हरि हँसत मेरौ माधैया
  • झुनक स्याम की पैजनियाँ
  • चलत लाल पैजनि के चाइ
  • मैं देख्यौं जसुदा कौ नंदन खेलत
  • जब तैं आँगन खेलत देख्यौ
  • जसोदा, तेरौ चिरजीवहु गोपाल
  • मैं मोही तेरैं लाल री
  • कल बल कै हरि आरि परे
  • जब दधि-मथनी टेकि अरै
  • जब दधि-रिपु हाथ लियौ
  • जब मोहन कर गही मथानी
  • नंद जू के बारे कान्ह, छाँड़ि दै मथनियाँ
  • जसुमति दधि मथन करति
  • आनँद सौं, दधि मथति जसोदा
  • त्यौं-त्यौं मोहन नाचै ज्यौं-ज्यौं रई
  • प्रात समय दधि मथति जसोदा
  • गोद खिलावति कान्ह सुनी
  • कहन लागे मोहन मैया-मैया
  • माखन खात हँसत किलकत हरि
  • बेद-कमल-मुख परसति जननी
  • सोभा मेरे स्यामहि पै सोहै
  • बाल गुपाल ! खेलौ मेरे तात
  • पलना झूलौ मेरे लाल पियारे
  • क्रीड़त प्रात समय दोउ बीर
  • कनक-कटोरा प्रातहीं
  • गोपालराइ दधि माँगत अरु रोटी
  • हरि-कर राजत माखन-रोटी
  • दोउ भैया मैया पै माँगत
  • तनक दै री माइ, माखन
  • नैकु रहौ, माखन द्यौं तुम कौं
  • बातनिहीं सुत लाइ लियौ
  • दधि-सुत जामे नंद-दुवार
  • कजरी कौ पय पियहु लाल
  • मैया, कबहिं बढ़ैगी चोटी
  • मैया, मोहि बड़ो कर लै री
  • हरि अपनैं आँगन कछु गावत
  • आजु सखी, हौं प्रात समय दधि मथन उठी
  • बलि-बलि जाउँ मधुर सुर गावहु
  • पाहुनी, करि दै तनक मह्यौ
  • मोहन, आउ तुम्हैं अन्हवाऊँ
  • जसुमति जबहिं कह्यौ अन्वावन
  • ठाढ़ी अजिर जसोदा अपनैं
  • किहिं बिधि करि कान्हहिं समुजैहौं
  • लाल हो, ऐसी आरि न कीजै
  • बार-बार जसुमति सुत बोधति
  • ऐसौ हठी बाल गोविन्दा
  • मैया, मैं तौ चंद-खिलौना लैहौं
  • मैया री मैं चंद लहौंगौ
  • लै लै मोहन ,चंदा लै
  • तुव मुख देखि डरत ससि भारी
  • जसुमति लै पलिका पौढ़ावति
  • सुनि सुत, एक कथा कहौं प्यारी
  • नाहिनै जगाइ सकत, सुनि सुबात सजनी
  • जागिए, व्रजराज-कुँवर, कमल-कुसुम फूले
  • प्रात समय उठि, सोवत सुत कौ
  • जागिए गोपाल लाल, आनँद-निधि नंद-बाल
  • प्रात भयौ, जागौ गोपाल
  • जागौ, जागौ हो गोपाल
  • उठौ नँदलाल भयौ भिनसार
  • तुम जागौ मेरे लाड़िले
  • भोर भयौ जागौ नँद-नंद
  • कौन परी मेरे लालहि बानि
  • जागिये गुपाल लाल! ग्वाल द्वार ठाढ़े
  • सो सुख नंद भाग्य तैं पायौ
  • खेलत स्याम ग्वालनि संग
  • सखा कहत हैं स्याम खिसाने
  • मैया मोहि दाऊ बहुत खिझायौ
  • मोहन, मानि मनायौ मेरौ
  • खेलन अब मेरी जाइ बलैया
  • खेलन चलौ बाल गोबिन्द
  • खेलन कौं हरि दूरि गयौ री
  • खेलन दूरि जात कत कान्हा
  • दूरि खेलन जनि जाहु लाला मेरे
  • जसुमति कान्हहि यहै सिखावति
  • नंद बुलावत हैं गोपाल
  • जेंवत कान्ह नंद इकठौरे
  • साँझ भई घर आवहु प्यारे
  • बल-मोहन दोउ करत बियारी
  • कीजै पान लला रे यह लै आई दूध
  • बल-मोहन दोऊ अलसाने
  • माखन बाल गोपालहि भावै
  • भोर भयौ मेरे लाड़िले
  • भोर भयौ जागो नँदनंदन
  • न्हात नंद सुधि करी स्यामकी
  • कोउ माई बोलि लेहु गोपालहि
  • हरि कौं टेरति है नँदरानी
  • बोलि लेहु हलधर भैया कौं
  • हरि तब अपनी आँखि मुँदाई
  • पौढ़िऐ मैं रचि सेज बिछाई
  • खेलन जाहु बाल सब टेरत
  • खेलत बनैं घोष निकास
  • खेलत मैं को काको गुसैयाँ
  • आवहु, कान्ह, साँझ की बेरिया
  • आँगन मैं हरि सोइ गए री
  • महराने तैं पाँड़े आयौ
  • पाँड़े नहिं भोग लगावन पावै
  • सफल जन्म प्रभु आजु भयौ
  • अहो नाथ ! जेइ-जेइ सरन आए
  • मया करिये कृपाल, प्रतिपाल संसार
  • खेलत स्याम पौरि कैं बाहर
  • मोहन काहैं न उगिलौ माटी
  • मो देखत जसुमति तेरैं ढोटा
  • नंदहि कहति जसोदा रानी
  • कहत नंद जसुमति सौं बात
  • देखौ री! जसुमति बौरानी
  • गोपाल राइ चरननि हौं काटी
  • मैया री, मोहि माखन भावै
  • गए स्याम तिहि ग्वालिनि कैं घर
  • फूली फिरति ग्वालि मन मैं री
  • आजु सखी मनि-खंभ-निकट हरि
  • प्रथम करी हरि माखन-चोरी
  • सखा सहित गए माखन-चोरी
  • चकित भई ग्वालिनि तन हेरौ
  • ब्रज घर-घर प्रगटी यह बात
  • चली ब्रज घर-घरनि यह बात
  • गोपालहि माखन खान दै
  • जसुदा कहँ लौं कीजै कानि
  • माई ! हौं तकि लागि रही
  • आपु गए हरुएँ सूनैं घर
  • गोपाल दुरे हैं माखन खात
  • ग्वालिनि जौ घर देखै आइ
  • जौ तुम सुनहु जसोदा गोरी
  • देखी ग्वालि जमुना जात
  • महरि ! तुम मानौ मेरी बात
  • साँवरेहि बरजति क्यौं जु नहीं
  • अब ये झूठहु बोलत लोग
  • मेरौ गोपाल तनक, सौ, कहा करि जानै
  • कहै जनि ग्वारिन! झूठी बात
  • मेरे लाड़िले हो! तुम जाउ न कहूँ
  • इन अँखियन आगैं तैं मोहन
  • चौरी करत कान्ह धरि पाए
  • कत हो कान्ह काहु कैं जात
  • घर गौरस जनि जाहु पराए
  • ग्वालिनि! दोष लगावति जोर
  • गए स्याम ग्वालिनि -घर सूनैं
  • ऐसो हाल मेरैं घर कीन्हौ
  • करत कान्ह ब्रज-घरनि अचगरी
  • मेरौ माई ! कौन कौ दधि चोरैं
  • अपनौ गाउँ लेउ नँदरानी
  • लोगनि कहत झुकति तू बौरी
  • महरि तैं बड़ी कृपन है माई
  • अनत सुत! गोरस कौं कत जात
  • हरि सब भाजन फोरि पराने
  • कन्हैया ! तू नहिं मोहि डरात
  • सुनु री ग्वारि ! कहौं इक बात
  • तेरैं लाल मेरौ माखन खायौ
  • माखन खात पराए घर कौ
  • मैया मैं नहीं माखन खायौ
  • तेरी सौं सुनु-सुनु मेरी मैया
  • ह्वाँ लगि नैकु चलौ नँदरानी
  • सुनि-सुनि री तैं महरि जसोदा
  • नंद-घरनि ! सुत भलौ पढ़ायौ
  • ऐसी रिस मैं जौ धरि पाऊँ
  • जसुमति रिस करि-करि रजु करषै
  • जसोदा! एतौ कहा रिसानी
  • बाँधौं आजु, कौन तोहि छोरै
  • जाहु चली अपनैं-अपनैं घर
  • जसुदा! तेरौं मुख हरि जोवै
  • देखौ माई कान्ह हिलकियनि रोवै
  • (माई) नैकुहूँ न दरद करति, हिलकिनी हरि रोवै
  • कुँवर जल लोचन भरि-भरि लेत
  • हरि के बदन तन धौं चाहि
  • मुख छबि देखि हो नँद-घरनि
  • मुख-छबि कहा कहौं बनाइ
  • हरि-मुख देखि हो नँद-नारि
  • कहौ तौ माखन ल्यावैं घर तैं
  • कहन लागीं अब बढ़ि-बढ़ि बात
  • कहा भयौ जौ घर कैं लरिका चोरी माखन खायौ
  • चित दै चितै तनय-मुख ओर
  • जसुदा ! देखि सुत की ओर
  • चितै धौं कमल-नैन की ओर
  • देखि री देखि हरि बिलखात
  • कब के बाँधे ऊखल दाम
  • वारौं हौं वे कर जिन हरि कौ बदन छुयौ
  • (जसोदा) तेरौ भलौ हियौ है माई
  • देखि री नंद-नंदन ओर
  • तब तैं बाँधे ऊखल आनि
  • कान्ह सौं आवत क्यौऽब रिसात
  • जसुदा! यह न बूझि कौ काम
  • ऐसी रिस तोकौं नँदरानी
  • हलधर सौं कहि ग्वालि सुनायौ
  • यह सुनि कै हलधर तहँ धाए
  • एतौ कियौ कहा री मैया
  • काहे कौं कलह नाथ्यौ
  • काहे कौं जसोदा मैया, त्रास्यौ तैं बारौ कन्हैया
  • जसुदा तोहिं बाँधि क्यौं आयौ
  • काहे कौ हरि इतनौ त्रास्‍यौ
  • सुनहु बात मेरी बलराम
  • कहा करौं हरि बहुत खिझाई
  • जसोदा ! कान्हहु तैं दधि प्यारौ
  • जसोदा ऊखल बाँधे स्याम
  • निरखि स्याम हलधर मुसुकाने
  • जसुमति, किहिं यह सीख दई
  • तबहिं स्याम इक बुद्धि उपाई
  • धनि गोबिंद जो गोकुल आए
  • मोहन ! हौं तुम ऊपर वारी
  • अब घर काहू कैं जनि जाहु
  • ब्रज-जुबती स्यामहि उर लावतिं
  • मोहि कहतिं जुबती सब चोर
  • जसुमति कहति कान्ह मेरे प्यारे
  • धेनु दुहत हरि देखत ग्वालनि
  • मैं दुहिहौं मोहि दुहन सिखावहु
  • जागौ हो तुम नँद-कुमार
  • जागहु हो ब्रजराज हरी
  • जागहु लाल, ग्वाल सब टेरत
  • जननि जगावति , उठौ कन्हाई
  • दाऊ जू, कहि स्याम पुकार्‌यौ
  • जागहु-जागहु नंद-कुमार
  • तनक कनक खी दोहनी, दै-दै री मैया
  • आजु मैं गाइ चरावन जेहौं
  • मैया ! हौं गाइ चरावन जैहौं
  • चले सब गाइ चरावन ग्वाल
  • खेलत कान्ह चले ग्वालनि सँग
  • देख्यौ नँद-नंदन, अतिहिं परम सुख पायौ
  • बन में आवत धेनु चराए
  • जसुमति दौरि लिए हरि कनियाँ
  • मैं अपनी सब गाइ चरैहौं
  • बहुतै दुख हरि सोइ गयौ री
  • पौढ़े स्याम जननि गुन गावत
  • करहु कलेऊ कान्ह पियारे
  • मैया री मोहि दाऊ टेरत
  • बोलि लियौ बलरामहि जसुमति
  • अति आनंद भए हरि धाए
  • नंद महर के भावते, जागौ मेरे बारे
  • लालहि जगाइ बलि गई माता
  • उठे नंद-लाल सुनत सुनत जननी मुख बानी
  • दोउ भैया जेंवत माँ आगैं
  • (द्वारैं) टेरत हैं सब ग्वाल कन्हैया, आवहु बेर भई
  • बन पहुँचत सुरभी लइँ जाइ
  • चले सब बृंदाबन समुहाइ
  • गैयनि घेरि सखा सब ल्याए
  • चरावत बृंदाबन हरि धेनु
  • बृंदाबन मोकों अति भावत
  • ग्वाल सखा कर जोरि कहत हैं
  • काँधे कान्ह कमरिया कारी
  • वै मुरली की टेर सुनावत
  • हरि आवत गाइनि के पाछे
  • आजु हरि धेनु चराए आवत
  • आजु बने बन तैं ब्रज आवत
  • बल मोहन बन में दोउ आए
  • मैया ! हौं न चरैहौं गाइ
  • मैया बहुत बुरौ बलदाऊ
  • तुम कत गाइ चरावन जात
  • माँगि लेहु जो भावै प्यारे
  • सुनि मैया, मैं तौ पय पीवौं
  • आछौ दूध पियौ मेरे तात
  • ये दोऊ मेरे गाइ-चरैया
  • सोवत नींद आइ गई स्यामहि
  • देखत नंद कान्ह अति सोवत
  • जागियै गोपाल लाल
  • हेरी देत चले सब बालक
  • चले बन धेनु चारन कान्ह
  • द्रुम चढ़ि काहे न टेरौ कान्हा
  • जब सब गाइ भईं इक ठाईं
  • अब कैं राखि लेहु गोपाल
  • देखौ री नँद-नंदन आवत
  • रजनी-मुख बन तैं बने आवत
  • दै री मैया दोहनी, दुहिहौं मैं गैया
  • बाबा मोकौं दुहन सिखायौ
  • जननि मथति दधि, दुहत कन्हाई
  • राखि लियौ ब्रज नंद-किसोर
  • देखौ माई ! बदरनि की बरियाई
  • (तेरैं) भुजनि बहुत बल होइ कन्हैया
  • जयति नँदलाल जय जयति गोपाल
  • जै गोबिंद माधव मुकुंद हरि